रायपुर। छत्तीसगढ़ में फिर से सियासी माहौल गर्मा गया है। राज्य की राजनीति के प्रमुख चेहरों पर खरीद फरोख्त के दाग लगने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने इन्हीं राजनेताओं पर हमला किया है। ट्वीटर पर सीएम बघेल ने तंज कसते हुए लिखा कि अंतागढ़ चुनाव धांधली के बारे में हमारे आरोप सही साबित हुए। लोकतंत्र की हत्या का षडयंत्र हमारी आशंका से ज्यादा गहरा निकला। मैं इसे राजनीति मानने से इनकार करता हूं, और इन सभी षड्यंत्रकारियों को राजनेता कहना ठीक नहीं समझता। शर्मनाक!!! कानून अपना काम करेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।
अंतागढ़ चुनाव धांधली के बारे में हमारे आरोप सही साबित हुए, लोकतंत्र की हत्या का षडयंत्र हमारी आशंका से ज़्यादा गहरा निकला।
मैं इसे राजनीति मानने से इनकार करता हूं और इन सभी षडयंत्रकारियों को राजनेता कहना ठीक नहीं समझता। शर्मनाक!!!
कानून अपना काम करेगा। pic.twitter.com/mW1Mip8K1b
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 8, 2019
प्रेस कॉन्फ्रेंस में निशाना साधते हुए कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अब रमन सिंह, राजेश मूणत, अजीत जोगी और अमित जोगी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए। साल 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के खरीद-फरोख्त की पूरी कहानी साफ है। मंतूराम पवार ने कहा था कि उन्हें एसपी ने धमकाया था कि उनका भी हश्र झीरम की तरह होगा। इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़ बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका सामने आई थी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चारों राजनेता अगर अपने दावों के अनुसार बेकसूर हैं, तो चारों को अंतागढ़ मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम रमन सिंह को अपने दामाद पुनीत गुता को वॉइस सेंपल देने के लिए कहना चाहिए, वाइस सेंपल देने में चल रहा हीला हवाला अब बंद हो।
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इस बात की भी विस्तृत जांच हो कि सौदे के लिए जो सात करोड़ दिए गए, वह राशि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के पास कहां से आई। उन्होंने आगे कहा कि इस डील में बिचौलियों की सहभागिता की भी जांच होनी चाहिए, साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ उपचुनाव 2014 में कांग्रेसी प्रत्याशी मंतू राम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया था। मंतू ने बताया कि रमन सिंह, अजीत, अमित जोगी और राजेश मूणत के बीच 7.5 करोड़ की डील हुई थी। इस दावे के बाद छत्तीसगढ़ का सियासी माहौल गर्म हो गया है।
रिपोर्ट: अमित सिंह