नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस (Delhi gang rape case Nirbhaya Case) में दोषी मुकेश सिंह (Mukesh Singh ) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगने के बाद आखिरी दांव चला है। मुकेश सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने पर राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है। मुकेश ने अपनी दया याचिका जेल प्रशासन को सौंप दी है, आपको बता दें कि क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद मुकेश के पास अपनी सजा कम करने के लिए यह अंतिम मौका है।
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार की दोपहर को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले में दोषी विनय शर्मा और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन (समीक्षा याचिका) को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की पूर्व में दायर पुनर्विचार याचिका और क्यूरेटिव याचिका में खास अंतर नहीं है, ऐसे में इस याचिका में कोई नई बात नहीं है, जिस पर संज्ञान लिया जा सके।
ऐसे में निर्भया के दोषियों के पास सारे कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं, दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने भी अगर खारिज कर दिया तो उन्हें फांसी पर लटकाया जाना तय है। मुकेश ने दया याचिका में राष्ट्रपति से मृत्युदंड की सजा को उम्र कैद में बदलने की गुहार लगाई गई है। गौरतलब है कि बीती सात जनवरी को ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया कांड के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था।
इसके आधार पर चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। आपको बता दें कि दिल्ली के मुनिरका में 16 दिसंबर 2012 की रात को बस में निर्भया के साथ दरिंदगी की वारदात को अंजाम दिया गया था। दरिंदों ने निर्भया के साथ पहले हैवानियत की, उसके बाद उसे निर्वस्त्र हालत में चलती बस से नीचे फेंक दिया था। पीड़िता को पहले सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां हालत में सुधार नहीं होने पर 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर भेज दिया था, वहां इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया था।
रिपोर्ट: अमित सिंह