कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के शेल्टर होम से 57 निवासियों में कोरोना पॉजिटिव मिलने और सात लड़कियों की गर्भवती होने का मामला सामने आया हैं। डिप्टी मुख्य अधिकारी श्रुति शुक्ला ने बताया कि -57 लोग कोरोना के मरीज, 1 एचआईवी पॉजिटिव जबकि अन्य हेपेटाइटिस का मरीज पाए गए हैं। इसी के साथ ही एक महिला जो कि कक्षा 4 की वर्कर की जांच कराई गई तो कोरोना पॉजिटिव मिली। कानपुर जिलाधिकारी ब्राह्मा राम ने कहा कि सात लड़कियां गर्भवती थीं। जब वे आगरा, इटावा, कनौज, फिरोजाबाद और कानपुर से शेल्टर होम आई थी।
उन्होंने ने बताया कि ये सभी गर्भवती पीड़ित लड़कियां यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO)के तहत किए गए अपराधों की शिकार हुई हैं, जिसमें से दो गर्भवती महिलाएं वे अपने घर पिछले साल दिसम्बर में पहुंची थी। लगभग वे आठ महीने की गर्भवती हैं। कानपुर के एसएसपी ने जानकारी देते हुए बतया है कि जब ये कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ तो 12 जून 2020 को रैंडम सैंपल के दौरान एक कानपुर निवासी कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद पिछले चार दिनों 57 लोग भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
कोरोना से संक्रमित होने वालों की उम्र 15 से 17 साल के बीच है। इसके साथ ही शेल्टर होम रहने वालों की उम्र 10 से 18 की पाई गई हैं। इन सभी को जिला बच्चा वेलफेयर कमेट की देख-रेख में रखा गया है। इसी बिल्डिंग में 114 लड़कियां और 37 वर्कस को क्ववारंटीन किया गया हैं।
कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है. कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है. इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो.
सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 22, 2020
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखते हुए कहा कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई खबर से उप्र में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गई है, इनका तत्काल इलाज हो। सरकार शारीरिक शोषण करने वालों के खिलाफ तुरंत जांच बैठाए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी फेसबुक पर पोस्ट की, और लिखा कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया है, सात गर्भवती और एक एड्स पीड़ित मिली है। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
वहीं कानपुर से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने विपक्ष पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि संवासिनी गृह में रह रही बेटियों को लेकर, विपक्ष जानबूझकर भ्रामक प्रचार कर रहा है ताकि बेटियों की आबरू की एवज में योगी सरकार की छवि को धूमिल किया जा सके। कानपुर पुलिस को ट्वीट कर कहा कि कृपया इन अफवाहबाजों पर तत्काल कार्रवाई कीजिये, ये लोग बेटियों की आबरू से राजनीति का पत्थर चमकाने निकले हैं!
संवासिनी ग्रह में रह रही बेटियों को लेकर, विपक्ष जानबूझकर भ्रामक प्रचार कर रहा है ताकि बेटियों की आबरू के एवज में योगी सरकार की छवि को धूमिल किया जा सके। @kanpurnagarpol कृपया इन अफवाहबाजों पर तत्काल कार्रवाई कीजिये, ये लोग बेटियों की आबरू से राजनीति का पत्थर चमकाने निकले हैं!
— Satyadev Pachauri (@sdPachauri1) June 22, 2020
वहीं दूसरी ओर, कानपुर प्रशासन की ओर से लगातार कोशिश जा रही है कि कैसे कोरोना वायरस घर तक पहुंच गया? जो कोरोना पॉजिटिव कर्मचारी वे अस्पताल में जाकर अपना इलाज करा रहे है। हालांकि, इसी महीनें में छह और लड़कियां शेल्टर होम में आई है, जिनमें से एक में कोरोना पॉजिटिव मिली है। सभी 57 लड़कियों को और कर्मचारियों को अस्पताल में एडमिट कर दिया गया हैं।
रिपोर्ट- तंजीम राना