भोपाल। मध्य प्रदेश में पीसीसी चीफ को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) अपने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) या तो खुद या फिर अपने करीबी को पीसीसी चीफ बनाना चाहते हैं। सिंधिया की नाराजगी के चलते अध्यक्ष पद की घोषणा नहीं हो सकी। पीसीसी चीफ के लिए दिग्विजय सिंह की लामबंदी के बाद गुटबाजी खुलकर सामने आई। दिग्विजय सिंह सत्ता के केंद्र में रहने की इच्छा के चलते पीसीसी चीफ का पद हर हाल में अपने पाले में रखने की जुगत लगाए है।
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अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान का नतीजा है कि एक साथ 12 से ज्यादा नेताओं के नाम पार्टी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री मुकेश नायक, वर्तमान मंत्री उमंग सिंगार, जीतू पटवारी, ओमकार सिंह मरकाम , कमलेश्वर पटेल, सज्जन वर्मा, बाला बच्चन के अलावा पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन और पूर्व प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा के नाम सामने आए हैं।
सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया तो दिल्ली में धरना प्रदर्शन होगा
अंबाह विधायक कमलेश जाटव का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, विधायक ने कहा कांग्रेस के कई नेता गुटबाजी करते हैं।ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कभी गुटबाजी नहीं की। सिधिंया अगर गुटबाजी करते तो मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया होते। अगर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया तो दिल्ली में धरना प्रदर्शन करेंगे। उधर सिंधिया को अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज दतिया कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है।
रिपोर्ट: रूप कुमार हरबोल सिंह