सिवानी। एक तरफ कमलनाथ के मध्यप्रदेश में जहां राजधानी भोपाल में दिल्ली की तरह मेट्रो ट्रेन चलाने की कवायद चल रही है, तो वहीं कमलनाथ के ही गृह जिला छिंदवाड़ा को मॉडल शहर बनाया जा रहा है, लेकिन हम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले के सबसे नजदीक पड़ोसी जिले सिवनी की कुछ ऐसी तस्वीरें आपको दिखा रहे हैं, जिन्हें देखकर आपकी सांसे थम सी जाएंगी। ये तस्वीरें सूबे के हाकिमों को तमाचा मारती है, जिमेदारो की गैरज़िम्मेदारी का सबूत देती है।
ये तस्वीरें सिवनी के छपारा नगर की हैं जहां लोग बारिश का मौसम आने से पहले ही सहम से जाते हैं यहां बारिश में सिर्फ ज़िन्दा नहीं बल्कि मौत के आगोश में सोया जनाजा भी हलाकान हो जाता है। यहां एक जनाज़े को सुपुर्द ए खाक करने के लिए आखिरी सफर में सैकड़ों लोगों को गहरे पानी में गोता लगाकर जाना पड़ता है। जहां ज़िंदा आदमी का चलना इस बहाव भरे पानी में मुश्किल लगता है, तो वहां एक जनाज़े को चार कंधों में इस पानी के रास्ते से ले जाना इस प्रदेश के मुंह पर एक जबरदस्त तमाचा है
बता दें कि ये सिवनी जिला वही है जिसे कभी शिवराज सरकार में कमलनाथ जी ने गोद लिया था। अब तो वो खुद ही प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनके गोद लिए हुए इस जिले की ये तस्वीरें अपने आप ही अपनी बदहाली की हकीकत बयां कर रही हैं। जिस जगह जीते जी जाना मुश्किल है, वहां मारने के बाद किसी जनाज़े को इस तरह से ले जाना शर्मसार होने से कम नहीं।
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क्षेत्रिय लोगों की माने तो यह पहली बार नहीं कि किसी जनाजे को बारिश की वजह से इस तरह कई फीट पानी से डूबकर ले जाना पड़ा है. बल्कि ये सिलसिला कई साल से चल रहा है। क्योंकि शासन के द्वारा मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तान के लिए दी गई जमीन संजय सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के नज़दीक दी गई थी।
बांध में पानी के भराव के चलते कई वर्षों से जनाज़ा ले जाने का मामला ऐसे ही चला रहा है। शासन प्रशासन के नुमाइंदों से कई बार कब्रिस्तान के लिए अलग ज़मीन की गुहार लगाई, लेकिन किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
(रिपोर्ट: क़ाबिज़ खान)