दिल्ली में सिंतबर में लागू की गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के टेंडर में गैरकानूनी रूप से बदलाव और लागू करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। एलजी हाउस में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई आबकारी नीति के टेंडर में गैरकानूनी रूप से बदलाव करने और उसे लागू करने वाले अधिकारियों का पहचान करने का आदेश दिया है।
उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी आदेश में मुख्य सचिव काे आदेश दिया है कि वो आबकारी नीति के टेंडर में शराब माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए की गई नियम को दरकिनार कर की गई बदलाव व बाद में इसे गैरकानूनी रूप से लागू करने अधिकारियों पर भ्रष्ष्टाचार विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की अनुशंसा करें। बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव सचिव नरेश कुमार को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के टेंडर नियमों कारोबारियों को छूट देने के लिए ढील देने की बातें सामने आई थी। बिना कैबिनेट एप्रुवल शराब माफियाओं सौ करोड़ से अधिक की रकम छोड़ दिया गया था। इसके साथ ही विदेशी अरबों की बिक्री में छूट दी गई थी। जिसकी पूरी रिर्पोट मुख्य सचिव दिल्ली के उपराज्यपाल को भेज दिया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि आबकारी मंत्री खुद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया है। उन्हीं के इशारों पर अधिकारियों ने आबकारी नीति के टेंडर से लेकर लागू करने में जीएनसीटीडी, अधिनियम, 1991, व्यापार नियमावली, 1993 के लेनदेन के पूर्ण उल्लंघन कर दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 की उल्लंघन की गई।