सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पवित्र पर्व मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है। इससे इस दिन की शुभता और बढ़ गई है। तीन अगस्त को तड़के 5:44 से सुबह 9:25 बजे तक भद्रा रहेगी। इसके बाद पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ दो अगस्त को रात 9:28 बजे से होगा। इसकी समाप्ति तीन अगस्त को रात 9:28 बजे होगी।
बलभद्र पीठाधीश्वर आचार्य विष्णु ने बताया कि रक्षाबंधन का मुहूर्त तीन अगस्त की सुबह 9:25 बजे के बाद से है। इसके बाद पूरे दिन यह त्योहार मना सकते हैं। रक्षाबंधन के लिए अपराह्न का मुहूर्त 1:48 से 04:29 बजे तक और प्रदोष काल मुहूर्त रात 7:10 से 9:17 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। और शनि और सूर्य ग्रह का सप्तक योग भी बन रहा है। इससे आयु में वृद्धि होती है। इस राखी पर बनने वाला योग सभी 12 राशियों के लिए शुभ है।
रक्षाबंधन को लेकर कई मान्यताएं
आचार्य विष्णु ने बताया कि रक्षाबंधन मनाने से जुड़ी कई कहानियां हैं। शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली कट गई थी। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांधी थी। जिस दिन यह घटना हुई उस दिन श्रावण पूर्णिमा का दिन था।
वहीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों में कई वर्षों तक युद्ध चला। लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिली। तब देवगुरु बृहस्पति के कहने पर इंद्र की पत्नी शची ने श्रावण शुक्ल की पूर्णिमा के दिन व्रत रख अपने पति को रक्षासूत्र बांधा। तब इस रक्षा सूत्र के प्रभाव से देवताओं को विजय मिली।
रिपोर्ट: अमित कुमार