एक बार इंजीनियरों ने सरकार से प्रोविडेंड फंड की जानकारी मांगी है. डीएचएफएल ने बार- बार दोहराते हुए कहा कि- अगर कोर्ट अनुमित देता है तो हम पैसे देने के लिए तैयार हैं। डीएचएफएल ने आधिकारिक बयान में एक बार फिर से माना है कि पावर सेक्टर एम्पलाई ट्रस्ट को भुगतान करेगे, लेकिन एक बार मुम्बई हाई कोर्ट की ओर से प्रतिबंध हट जाए. बता दें कि- मुम्बई हाई कोर्ट ने पिछले अक्टूबर के महीने में डीएचएफएल (DHFL)पर भुगतान पूरी तरह से रोक लगा दी थी,जिसके बाद डीएचएफएल ने कोर्ट में पिटिशन फाइल की है. जिसमें कोर्ट से मांग की गई है कि-भुगतान करने के लिए परमिशन दी जाए.
इसके साथ ही डीएचएफएल के बोर्ड ऑफ ट्रस्टिस ऑफ द पॉवर सेक्टर एम्पलाई ट्रस्ट द्वारा साल 2014 में एक मीटिंग रखी गई था, जिसमें सभी ने मिलकर प्राइवेंट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में इंवेस्टमेंट को अनुमित देने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव के आधार पर दो हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और पीएनबी फाइनेंस को शामिल किया गया था. पास किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, डीएचएफएल को इंवेस्मेंट के लिए हवाला देने और कितने समय के लिए पैसा जमा किया जाएगा. जिसके बाद डीएचएफएल के विचार करने के बाद पॉलर सेक्टर ऐम्पलाय ट्रस्ट की मंजूरी दी जाएगी. ये इंवेस्टमेंट मार्च के 2017 से शुरू किया गया था.
इसके अलावा 30 सितम्बर 2019 तक डीएचएफएल लगातार ब्याज देता था और मुख्य राशी जमा होने कार्यकाल खत्म होने के बाद दी जाती थी. सभी रिपेमेंट अभी तक चुकाए जा चुके है. वहीं, मुम्बई हाईकोर्ट ने इसी साल अक्टूबर के महीने में डीएचएफएल पर भुगतान करने को लेकर रोक लगा दी थी. कोर्ट में एक केस दर्ज कराया गया था, जिसमें 483 करोड़ू न देने की बात सामने आई थी.
अधिकारिक बयान के अनुसार, डीएचएफएल ने कोर्ट से पहले ही स्टे लेकर 30 सितम्बर 2019 तक का सभी भुगतान कर दिया था. पिछले साल नवम्बर के महीने में डीएचएफएल मुम्बई हाईकोर्ट में सुनाई के दौरान अपना बचाव किया था. अब पॉवर सेक्टर ऐम्पलाय पीडीएफ की डिटेल और बचे हुए भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही डीएचएफएल ने एक बार फिर से कहा कि- मुम्बई हाईकोर्ट से निर्देश मिलने के बाद जल्द से जल्द से सभी का भुगतान किया जाएगा.
रिपोर्ट- तंजीम राना